धार्मिक ब्यूरो। ज्योतिष एक विज्ञान है, अंधविश्वास नहीं। विज्ञान का मुख्य छाता नासा भी इसे जीवन विज्ञान मानता है।
इसीलिए ज्योतिष ने मनुष्य में शनि या शनि संकट के बारे में सुना होगा।
यह योग हर इंसान को एक या दो बार आता है। आज हम आपको इसे ठीक करने के तरीके के बारे में जानकारी दे रहे हैं। शनिवार का दिन शनिदेव की पूजा का दिन है। Worship Shani on Saturday to get rid of Shani crisis
धार्मिक मान्यता है कि शनि के प्रसन्न होने पर ग्रह स्थिति दूर हो जाती है। इसी मान्यता के आधार पर लोग शनिवार की सुबह विभिन्न मठों और मंदिरों में जाकर स्नान और शनिदेव की पूजा करते हैं और लोगों को जल भी चढ़ाते हैं।
शनि को ब्रह्मांड के नौ ग्रहों का न्यायाधीश माना जाता है। इसलिए मन में एक धार्मिक मान्यता है कि इनकी पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
कहा जाता है कि यदि उचित उपासना से शनि को प्रसन्न किया जा सके तो शनि की दशा के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
ज्योतिषियों के अनुसार अधमरे मन की स्थिति बड़े दुर्भाग्य का कारण बनती है। शनि की स्थिति और कुटिल दृष्टि शारीरिक और मानसिक पीड़ा और यहां तक कि विभिन्न बीमारियों का कारण बन सकती है।
ऐसे में ज्योतिषियों ने कहा है कि साढ़े साती दशा के प्रभाव को कम करने के लिए शनिदेव की पूजा सही तरीके से करना जरूरी है।
विभिन्न ज्योतिषियों के सुझावों के आधार पर बालों को हटाने के लिए कैसे देखें या अपॉइंटमेंट लें, इसके बारे में कुछ सुझाव यहां दिए गए हैं।
- प्रत्येक शनिवार को सूर्योदय से पहले शनि देव की पूजा करें।
- चिनार के पेड़ पर जल अपर्णा से विशेष पूजा करें।
- मिर्च पर पानी छिड़कना भी अच्छा माना जाता है।
- शनिवार के दिन काला तिल दान करें।
- शनिवार के दिन शनिदेव के मंदिर में लोहे की वस्तुएं चढ़ाएं।
- चमड़े के जूते और चप्पल दान न करें।
- शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।