विभिन्न कामना अनुसार शिवजीलाई गर्ने अभिषेकहरु
जलेन वृष्टिमाप्नोति व्याधिशान्त्यै कुशोदकै: ।
दध्ना च पशुकामाय श्रिया इक्षुरसेन च ।
मध्वाज्येन धनार्थी च मुमुक्षुस्तीर्थवारिणा ।
पुत्रार्थी पुत्रमाप्नोति पयसा चाभिषेचनात् ।
वन्ध्या वा काकवन्ध्या वा मृतवत्सा च याङ्गना ।
सद्य: पुत्रमवाप्नोति पयसा चाभिषेचनात् ।
अर्थ: शुद्ध जल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर वर्षा होती है, कुश के जल से अभिषेक करने पर रोग से मुक्ति मिलती है, दही से अभिषेक करने पर पशुओं से लाभ मिलता है, गन्ने के रस से अभिषेक करने पर धन की प्राप्ति होती है।
शहद और घी से अभिषेक करने पर धन की प्राप्ति होती है, तीर्थ जल से अभिषेक करने पर मोक्ष मिलता है। शास्त्रों में कहा गया है कि दूध से अभिषेक करने पर पुत्र की प्राप्ति होती है, बांझ स्त्री अपना अभिषेक करती है तो पुत्र की प्राप्ति होती है। गाय के दूध से उसे संतान की प्राप्ति होगी।