एक निर्धन औरत एक साधु के पास गई,”स्वामी जी! कोई ऐसा पवित्र मन्त्र लिख दीजिये जिससे मेरे बच्चों का रात को भूख से रोना बन्द हो जाये…।”
साधु ने कुछ पल एकटक आकाश की ओर देखा फिर अपनी कुटिया में अन्दर गया और एक पीले कपड़े पर एक मन्त्र लिखकर उसे ताबीज की तरह लपेट-बाँधकर उस महिला को दे दिया।
साधु ने कहा, “इस मन्त्र को घर में उस जगह रखना, जहाँ अपनी मेहनत की कमाई का धन रखती हो।” महिला खुश होकर चली गई।
ईश्वर कृपा से उस दिन उसके पति की आमदनी ठीक हुई और बच्चों को भोजन मिल गया। रात शान्ति से कट गई। अगले दिन भोर में ही उन्हें पैसों से भरी एक थैली घर के आंगन में मिली। थैली में धन के अलावा एक पर्चा भी निकला, जिस पर लिखा था, कोई कारोबार कर लें…।
इस बात पर अमल करते हुवे उस औरत के पति ने एक छोटी सी दुकान किराए पर ले ली और काम शुरू किया। धीरे धीरे कारोबार बढ़ा, तो दुकानें भी बढ़ती गईं…। जैसे पैसों की बारिश सी होने लगी…।
पति की कमाई तिजोरी में रखते समय एक दिन उस महिला की नज़र उस मन्त्र लिखे कपड़े पर पड़ी…। “न जाने, साधु महाराज ने ऐसा कौन सा मन्त्र लिखा था कि हमारी सारी तंगी दूर हो गई?” सोचते सोचते उसने वह मन्त्र वाला कपड़ा खोल डाला…।
जिस लिखा था कि..
जब पैसों की तंगी समाप्त हो जाये, तो सारा पैसा तिजोरी में छिपाने की बजाय कुछ पैसे ऐसे घर में डाल देना जहाँ से रात को बच्चों के रोने की आवाज़ें आती हों..!!