ढोलकल गणेश प्रतिमा फरसपाल की पहाड़ी पर स्थित है। रायपुर से लगभग 350 किमी दूर दंतेवाड़ा जिले में स्थित यह मूर्ति दुनिया की सबसे पुरानी मूर्ति मानी जाती है।
कहा जाता है कि तीन हजार फीट की ऊंचाई पर स्थापित गणेश जी की यह मूर्ति 9वीं शताब्दी की है। ग्रेनाइट संगमरमर से बनी यह मूर्ति 3 फीट लंबी और 3.5 फीट चौड़ी है। माना जाता है कि गणेश और परशुराम के बीच युद्ध इसी पहाड़ी की चोटी पर हुआ था। ढोलक गणेश के दर्शन के लिए 5 किलोमीटर दूर से पैदल चलना पड़ता है।
इस पहाड़ की चढ़ाई के दौरान आपको घने जंगल, झरने मिलेंगे। इस जगह की खोज 1934 में एक अंग्रेज भूविज्ञानी क्रूइशांक ने की थी। उसके बाद हर कोई इस मूर्ति के बारे में भूल गया लेकिन 2012 में दो पत्रकार बापी राय और हेमंत कश्यप ने अपनी सैर के दौरान इस जगह की खोज की। ढोलक गणेश दर्शन छत्तीसगढ़ की धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन यात्रा यात्रियों को रोमांचित करती है।